मौसम चेंज हो रहा है
जब भी मौसम चेंज होता है, तो ज्यादातर लोग बीमार होने लगते हैं. ऐसे मौसम में मन आलस से भर जाता है और शरीर थका-थका रहने लगता है. ऐसे में वायरल फीवर होने का चांस बढ़ जाता है
वायरल फीवर के लक्षण शरीर में दर्द होने लगता है. इस तरह के लक्षण के दिखते ही तुरंत डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए, क्योंकि सही समय पर इलाज नहीं होने से इसका संक्रमण दूसरे व्यक्ति को भी हो सकता है. सिर दर्द, शरीर दर्द, भूख नहीं लगना, जोड़ों में दर्द होना, आंखें लाल होना, खांसी और जुकाम होना, कमजोरी महसूस होना आदि वायरल फीवर के प्रमुख लक्षण हैं
ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए चेंज हो रहे मौसम में फ्रिज में रखा ठंडा पानी और कोल्ड ड्रिंक पीने से बचना चाहिए. ठंडा पानी पीने से हमारे गले में वायरल फीवर का वायरस एक्टिव हो जाता है और यह हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर करना शुरू कर देता है
भगवान शिव की महिमा है
पूरे ब्रह्मांड के कण-कण में विद्यमान हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जिस पर भगवान शिव की कृपा हो जाती है उसके हर कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान शिव के बहुत सारे स्वरूप व नाम हैं। उनके हर नाम में विशेष शक्ति छिपी हुई है
भगवान शिव के ‘आशुतोष’ नाम का जाप करें। सुबह उठने के बाद अौर रात को सोने से पहले भोलेनाथ के इस नाम के जाप से जीवनसाथी का बर्ताव बेहतर होने लगेगा
सुबह नहा धोकर शिवालय जाकर भगवान शिव को जल अर्पित कर ‘महादेव’ नाम का कम से कम 15 मिनट जाप करें। ऐसा करने से व्यक्ति सेहतमंद रहेगा
दोपहर के समय भगवान शिव के ‘रूद्र’ नाम का जाप करें। इसके बाद अपनी संतान का 11 बार नाम लें। इससे संतान के व्यवहार में सुधार होगा।
गर्मीयों में पानी
गर्मीवाले स्थानों पर लोग लू के चपेट में आ जाते हैं। इसका एकमात्र विकल्प है प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करना। जी हां, कहीं बाहर जाने से पहले एक से डेढ़ लीटर पानी अवश्य पिएं साथ में अगर नींबू का रस मिला सकें तो और भी अच्छा है। दिनभर में कमसे कम चार-पांच लीटर पानी पिएं। इससे आप सिर्फ निर्जलीकरण तथा लू से ही नहीं बल्कि पेट के बिभिन्न समायाओं से छुटकारा पा सकते हैं।
पुरुष के शरीर में 65% तथा महिलाओं के शरीर में 52% पानी पाया जाता है ।कठोर दिखाई देने वाली हड्डियों में भी 22% पानी होता है ।प्रतिदिन 2:30 से 3 लीटर पानी विभिन्न रास्तों से(लैट्रिन पेशाब पसीना आदि से) बाहर निकल जाता है ।भोजन से आधा घंटा पूर्व और भोजन से 1 घंटे बाद तक कम पानी पीना चाहिए लेकिन उसके बाद जितना पानी पी सकें आवश्यकतानुसार पीना चाहिए ।अतिरिक्त पानी पीने से शरीर के विजातीय तत्व बाहर निकल जाते हैं
गर्मी के दिनों में अक्सर डिहाइड्रेशन के दिक्कत होती है अगर आप पानी एक बार में ज्यादा पीते हैं तो भी यह ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा। अगर आप हर 45 मिनट से 1 घंटे के अंतराल में पानी का सेवन करते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद होगा।
सुबह खाली
पपीता वजन कम करने में अहम रोल निभाता है. पपीते में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो वजन को नियंत्रित रखने और बढ़े वजन को कम करने में मदद करता है. पपीता एक बेहतरीन फल है जो आपके पूरे शरीर को सभी विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है. पपीता खराब कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है और हृदय रोगों को रोक सकता है सुबह के समय, गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डालकर पीना आपके स्वास्थ्य के लिए अद्भुत हो सकता है. यह बहुत सारे मिनरल्स, विटामिन, फ्लेवोनोइड और एंजाइम प्रदान करेगा जो आपके पेट को साफ और स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं. इसके अलावा, यदि आप गर्म शहद पानी पीते हैं तो यह आपके मेटाबॉलिज्म या चयापचय को बढ़ावा देगा और आपको वजन कम करने में भी मदद करेगा अगर आपका पेट साफ नहीं रहता है या पेट से संबंधित कोई समस्या है तो आप खाली पेट ऐलोवेरा के जूस का सेवन कर सकते हैं. पानी के साथ इस जूस का सेवन करने से पेट साफ होता है. इसके साथ ही कब्ज की समस्या भी आसानी से दूर हो जाती है.
अपने शरीर के तापमान को सामान्य रखने के लिए डायट
डायट में दही को शामिल करें, यह आपके पेट को ठंडा रखता है। इसे आप नाश्ते में या फिर रात के डिनर में किसी भी तरह से खा सकते हैं। गर्मी में कई लोग रायते के रूप में दही को खूब पसंद करते हैं गर्मी में खीरा आसानी से मिल जाता है, ऐसे में सलाद के रूप में या फिर किसी भी रूप में खीरा खा सकते हैं। खीरे खाने के कई फायदे हैं, इसमें 95 प्रतिशत पानी होता है, जो शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है। सुबह के वक्त आप नाश्ते में खीरे को शामिल कर सकते हैं यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है
गर्मी में छाछ और लस्सी पी सकते हैं। यह न सिर्फ आपके मन को खुश करता है बल्कि शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है। दही से बनने वाला छाछ में हल्का नमक मिलाकर पीने से शरीर में उर्जा बनी रहती है। इसके अलावा आप मीठी लस्सी भी बनाकर पी सकते हैं।
सुबह-सुबह की नींद
जल्दी उठने का एक बड़ा फायदा यह है, कि आपके पास समय काफी होता है, और दिनभर में ज्यादा से ज्यादा चीजें कर सकते हैं जो दिनभर आपको ऊर्जावान बनाए रखेगी, साथ ही खुशनुमा एहसास से भर देगी। आप सकारात्मकता महसूस करेंगे सो अलग
जो दिनभर आपको ऊर्जावान बनाए रखेगी, साथ ही खुशनुमा एहसास से भर देगी। आप सकारात्मकता महसूस करेंगे सो अलग सुबह जल्दी उठकर अगर आप हल्दी धूप को ग्रहण करते हैं, तो आपको कभी हड्डी व जोड़ों से संबंधित समस्या नहीं आएगी। वहीं सुबह-सुबह का वातावरण और ऑक्सीजन अपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
एक गरम दिन
प्रारम्भ
प्रातःकाल के उगते हुए सूरज की छटा अच्छी नहीं लगती । ज्यों-ज्यों सूरज आसमान में ऊँचा उठता जाता है, त्यो-त्यों ऐसा लगता है कि उसमे तेजी और चमक बढती जा रही है
शाम का समय
शाम होने के बाद ही लोग घरों के बाहर निकलना शुरू करते हैं । यही समय खरीदारी का भी होता है सड़कें और बाजार गुलजार हो जाते है यहाँ अब कुछ भीड़भाड़ दिखाई देने लगती है आइसक्रीम और शीतल पेय बेचने वालों की खूब बिक्री होती है
रात्रि का समय
देर रात तक ठंडी हवाए चलने लगती हैं । इससे लोगों को बड़ी राहत मिलती है । बहुत-से शाम को दुबारा स्नान करके दिनभर की धूल-धक्कड, पसीना और गरमी से राहत पाते हैं । कभी-कभी रात में तेज हवाओं या पानी की हल्की फुहार गरमी से राहत दिलाकर मौसम सुहावना कर देती है
Health Tips
60 पार उम्र
जब बुढ़ापा आता है तो अपने साथ बीमारियां भी ले आता है। फिर बुढ़ापा, दवाइयों, परहेज़ो और हस्पतालों में निकल जाता है जिससे शरीर के सिस्टम्स धीरे-धीरे कमजोर होने लगते है। इसी कारण इस उम्र में जब कोई रोग आता है, तो उसके साथ अन्य बीमारियां भी आ जाती। लेकिन यदि हम सही तरीके से योग का अभ्यास प्रतिदिन करे तो शरीर में मौजूद बीमारियां भी दूर हो जाएंगी और उम्र के इस पड़ाव में भी ज़ल्दी से बीमारी नहीं आएंगी हमें स्वस्थ रखने के लिए एक अचूक विद्या रही है। यह हमारी प्राण ऊर्जा को बल देकर शरीर की कोशिकाओं का पुनर्निमाणकरती है। जिससे कमज़ोर होते अंगों को ताकत मिलती है। सीनियर सिटिजन के लिए योग से बढ़कर दूसरा कोई और स्वस्थ बने रहने का प्राकृतिक तरीका नहीं है। योगाभ्यास को सुबह खाली पेट शौच आदि से निवृत्त होने के बाद खुले वातावरण में करना चाहिए, यदि मौसम ठंडा है शाम के समय भी लंच से 4-5 घंटे बाद खाली पेट कर सकते हैं। योगाभ्यास करते समय मन में यह भाव रखें कि मेरे शरीर में आई बीमारियां ठीक हो रही हैं और पूरा शरीर चुस्त-दुरुस्त होता जा रहा है